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लेखनी कहानी -16-Sep-2023

मुक्तक

मौज-मस्ती के चक्कर में विर्जिनिटी खोने का चलन बढ रहा है आधुनिकता के नाम पर यूं संस्कारों का जनाजा निकल रहा है "चरित्र" रो रहा है रोज ही मसली हुई चादर में मुंह छुपाकर के पार्टनर बदल बदल के "हवस" का खुलेआम प्रदर्शन हो रहा है श्री हरि 16.9.23

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1 Comments

Reena yadav

21-Sep-2023 03:01 PM

👍👍

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